जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा अस्थाई जेल से आधिकारिक निवास में शिफ्ट हुईं, पर नजरबंदी जारी रहेगी

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को मंगलवार को अस्थाई जेल से श्रीनगर की गुपकार रोड स्थित उनके आधिकारिक आवास पर शिफ्ट कर दिया गया। लॉकडाउन के बीच महबूबा मुफ्ती के लिए यह थोड़ी राहत भरी खबर है, पर अभी उनकी नजरबंदी खत्म नहीं होगी। महबूबा को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से एक दिन पहले 4 अगस्त की रात को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद से ही वे नजरबंद हैं।


6 फरवरी को महबूबा की हिरासत की अवधि समाप्त होने से पहले ही उन पर पब्लिक सेक्युरिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद उनकी नजरबंदी की अवधि बढ़ गई।


पब्लिक सेफ्टी एक्ट 1978 में जम्मू-कश्मीर में लागू कर दिया गया था। इसके तहत किसी को भी बिना ट्रायल के 2 साल तक हिरासत में रखा जा सकता है। पहले तो यह कानून लकड़ी की तस्करी करने वालों के खिलाफ बना था, लेकिन धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल अन्य आपराधिक मामलों में भी होने लगा। इसका खासकर तब इस्तेमाल किया गया, जब 2010 में जम्मू-कश्मीर में कई महीनों तक हालात खराब रहे। 


आठ महीने में चार बार नजरबंदी का स्थान बदला


आठ महीने में तीन बार महबूबा को नजरबंद रखने का स्थान बदला गया है। सबसे पहले उन्हें श्रीनगर के हरि निवास गेस्ट हाउस में रखा गया था। दूसरी बार उन्हें चश्मा शाही इलाके में पर्यटन विभाग के गेस्ट हाउस भेज दिया गया था। इसके बाद से उन्हें श्रीनगर के ही ट्रांसपोर्ट यार्ड के सरकारी क्वार्टर में रखा गया था। यह चौथी बार है जब उन्हें अस्थाई जेल से किसी दूसरे स्थान पर भेजा गया है। 


फारूक और उमर अब्दुल्ला रिहा हो चुके हैं
महबूबा जम्मू-कश्मीर की अकेली ऐसी बड़ी नेता हैं, जिन्हें अभी तक नजरबंद रखा गया है। उनके साथ ही हिरासत में लिए गए पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को रिहा किया जा चुका है। फारूक को 15 मार्च को रिहा किया गया था वहीं उमर को इसके 10 दिन बाद 25 मार्च को रिहा किया गया था। रिहाई के बाद उमर ने सभी नेताओं की नजरबंदी खत्म करने की मांग की थी।